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मुख्य लेख : मौर्य काल, मौर्य साम्राज्य एवं शुंग

जानिये कैसे हुआ ताजमहल का निर्माण -एक नदी के किनारे कैसे टिका है ताजमहल

अकबरनामा तीन जिल्दों में बंटा हुआ, इसके तीसरे जिल्द को आइने अकबरी नाम दिया गया है।

सेहवान के बाद मुहम्मद बिन कासिम ने सीसम के more info जाटों पर अपना अगला आक्रमण किया। बाझरा यहीं पर मार डाला गया। जाटों ने मुहम्मद बिन कासिम की अधीनता स्वीकार कर ली। राओर विजय

अब्बास खाँ शेरवानी ने अपने ग्रंथ तोहफा-ए-अकबरशाही में ‘शेर शाह सूर’ के विषय में विवरण प्रस्तुत किये हैं। 

मेसोपोटामिया में दशकों तक चली खुदाई से यह बात साफ़ हो गयी कि इस सभ्यता के मनुष्य गणित, विज्ञान और भूगोल के अच्छे जानकार थे.

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी मृदा क्षरण: कारण, परिणाम और समाधान

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बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ तक इतिहासकारों की यह मान्यता थी कि वैदिक सभ्यता भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता है। परन्तु सर दयाराम साहनी के नेतृत्व में १९२१ में जब हड़प्पा (पंजाब के माँन्टगोमरी जिले में स्थित) की खुदाई हुई तब इस बात का पता चला कि भारत की सबसे पुरानी सभ्यता वैदिक नहीं वरन सिन्धु घाटी की सभ्यता है। अगले साल अर्थात १९२२ में राखालदास बनर्जी के नेतृत्व में मोहनजोदड़ो (सिन्ध के लरकाना जिले में स्थित) की खुदाई हुई। हड़प्पा टीले के बारे में सबसे पहले चार्ल्स मैसन ने १९२६ में उल्लेख किया था। मोहनजोदड़ो को सिन्धी भाषा में मृतकों का टीला कहा जाता है। १९२२ में राखालदास बनर्जी ने और इसके बाद १९२२ से १९३० तक सर जॉन मार्शल के निर्देशन में यहां उत्खनन कार्य करवाया गया।

ये पढ़े लिखे और संगीत की जानकारी रखने वाले लोग थे. ये लोग चावल खाते थे और धान की खेती करते थे.

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